Tuesday, November 16, 2010

वे बातें जो निकली हैं दिल से

सवाल-आप प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगम की मेयर हंै, कैसा लगता है?
जवाब-बहुत अच्छा लगता है लेकिन बड़ी जिम्मेदारी है इसलिए थोड़ा डरती हूं कि कहीं कोई चूक न हो जाए।
सवाल-चार माह हो गए मेयर बने तो ऐसे में क्या तय किया है कि भोपाल नगर निगम नंबर एक बन जाए?
जवाब-हम पांच साल की योजना बना चुके हैं और लक्ष्य नंबर एक बनना ही है। हमारी पांच प्राथमिकता है जिनमें जनता के लिए मूलभूत सुविधाएं, झुग्गी मुक्त भोपाल, अतिक्रमण हटाना, आबादी के हिसाब से व्यवस्थाएं और भोपाल के नैसर्गिक सौंदर्य के हिसाब से विकास कार्य।
सवाल-तालाब और पेड़ ही नहीं रहेंगे तो नैसर्गिक सौंदर्य कैसे कायम रहेगा?
जवाब-न तो तालाब खत्म होंगे और न ही नैसर्गिक सौंदर्य खत्म होगा। मैं अपने शहर को सीमेंट का जंगल नहीं बल्कि ग्रीन मेट्रो सिटी बनाऊंगी। इस अभियान में बाबूजी के साथ स्वयं मुख्यमंत्रीजी हैं।
सवाल-पहली बार आप चुनाव लड़ीं और मेयर चुनी गईं। क्या फर्क लगता है पार्टी की राजनीति में और एक पद पर पदस्थ होने के बाद की राजनीति में?
जवाब-बहुत ज्यादा अंतर है दोनों में। पार्टी में हम संगठन की विचारधारा लोगों को बताते हैं और एक सीमित दायरे में काम करते हैं। जबकि किसी पद पर बैठने के बाद आप सीधे जनता के संपर्क में आते हैं और काम शुरू कर देते हैं।
सवाल-माना जाता कि फिल्मों में दिखाई जाने वाली राजनीति देश और प्रदेश की राजनीति से प्रेरित होती है। आपको क्या लगता है?
जवाब-फिल्मों में दिखाई जाने वाली राजनीति झूठ होती है और हकीकत से कोसों दूर रहती है। फिल्मों में सब कुछ ग्लैमर से भरा होता है लेकिन हकीकत में जनता ही असली राजनीति है। रियल पॉलीटिक्स में जनता के बिना नेता का अस्तित्व खत्म हो जाता है।
सवाल-शहर की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है इसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं और क्या आपको लगता है कि अतिक्रमण करने वालों में निगम का भय खत्म हो गया है?
जवाब-
दरअसल प्रदेश के कई इलाकों से लोग यहां आ रहे हैं और वे जहां-तहां झुग्गी बनाकर रहने लगते हैं जिससे शहर की स्थिति बद्तर लगती है। रही बात अतिक्रमण करने वालों में भय की तो वह तो बना हुआ है क्योंकि अभी अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई हो रही है।

सवाल-नगर निगम के छोटे अधिकारी से लेकर बड़े अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं और कॉल सेंटर पर बताओ तो कार्रवाई में कई दिन लग जाते हैं। जनता का बीएमसी से विश्वास उठ रहा है?
जवाब-जनता अपना विश्वास कायम रखे। मैंने खुद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कह रखा है कि वे अपना फोन पूरे समय चालू रखें। मैं खुद भी ऐसा ही करती हूं। हमने अनियमितता करने वाले कुछ कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।
सवाल-आज आप महापौर हैं, लेकिन शुरूआत में आपका लक्ष्य क्या था?
जवाब-मैं डॉक्टर बनना चाहती थी और मेरी इच्छा को ध्यान में रखकर पापा ने मुझे खूब पढ़ाया है।
सवाल-आपको कभी आपके पापा ने डांटा और उसकी वजह क्या थी?
जवाब-जब मैं स्कूल में थी तो हमारे यहां वार्षिक उत्सव होने वाला था और मुझे एक नाटक में चुना गया। ये बात मैंने घर में नहीं बताई, लेकिन जब रविवार को हम रिहर्सल करने गए तो पापा को पता चल गया। घर वापस आने पर उन्होंने मुझे खूब डांटा, लेकिन असलियत मालूम चली तो वे पछताए भी।
सवाल-स्कूल के समय कौन से विषय से सबसे ज्यादा डर लगता था?
जवाब-मुझे गणित से जितना डर लगता था साइंस से उतनी ही दोस्ती थी। मैं हर परीक्षा में ईश्वर से प्रार्थना करती थी कि कम से कम गणित में पासिंग माक्र्स मिल जाएं।
सवाल-क्या आप भोजन खुद पकाती हैं और सबसे अच्छी डिश कौन सी लगती है?
जवाब-मुझे कुकिंग से बहुत प्यार है और समय निकालकर भोजन बनाती हूं। मुझे पोहा और गुलाब जामुन खूब पसंद है। अब भले ही मीठा कम खाती हूं, लेकिन बचपन में हर त्यौहार पर जमकर गुलाब जामुन खाती थी।
सवाल-आप जो भी साड़ी पहनती हैं वह लाजवाब होती है तो क्या कोई खास ब्रांड आप यूज करती हैं और आपकी सुंदरता का राज क्या है?
जवाब-मन को जो अच्छा लगता है वही साड़ी मैं पहनती हूं और सुंदरता अपने आपके कर्म से आती है। अच्छा करोगे तो अच्छा दिखोगे। मैं समाज के हित में जो काम करती हूं उससे मुझे ऊर्जा मिलती है, और हो सकता है इसलिए आप लोगों को मैं सुंदर दिखती हूं।


डीबी स्टार के रिपोर्टर भीमसिंह मीणा द्वारा किए गए इंटरव्यू के संपादित अंश और फोटो जर्नलिस्ट जाहिद मीर द्वारा खींची गई तस्वीरें

2 comments:

  1. ... बहुत सुन्दर ... शानदार चर्चा ... बेहतरीन पोस्ट !!!

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  2. माननीय महोदय जी से विन्रम निवेदन है कि जनसंसाधन विकास एवं जीव कल्याण समिति नरसिँहपुर म.प्र. द्रारा संचालित 4/16/01/10298/08 स्वपोषित स्व-रोजगार राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन परियोजना मेँ लोगो से 251 की राशि जमा कराई जाती है तथा एक लाख का ओरिएटल कं.का दुर्घटना बीमा तथा लोगो को पाँच साल में 10,000 प्रति महीने देने का वादा करती है यह संस्था गरीबी,बेरोजगारी, भुखमरी,अशिक्षा, नशामुक्ति,दहेज प्रथा,कन्या भ्रूण हत्या,जैसी सामाजिक बुराईयो को समाज के अंदर से खत्म करना इसका उद्देश्य है अगर यह संस्था NGO है तो शासन क्योँ इस संस्था की मदद नही कर रही। सही है या फर्जी शासन इसकी जाँच कराये जिससे कि एक लाख गरीब,बेरोजगार व्यक्तियोँ को इससे बचाया जा सके। सरकार इस योजना का अध्ययन करे और इसका संचालन शासन के हाथो मेँ रहे जिससे गरीबी को जड़ से खत्म किया जा सके। हमे सभी जनप्रतिनिधियोँ एवं सरकार से सहयोग की आवश्यकता है। मिथलेश वर्मा 9893775163 www.jsvjks.com

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