कृष्णा गौर ने दिखाए तीखे तेवर
Last Updated 14:28(04/01/10)
भोपाल. महापौर कृष्णा गौर ने अपने कार्यकाल की पहली समीक्षा बैठक सोमवार को आचार्य नरेंद्र पुस्तकालय में ली। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि संपत्ति कर और जलदर सहित अन्य राजस्व वसूली में सख्ती की जाए। महापौर कृष्णा गौर ने राजस्व वसूली से जुड़े अफसरों की पहली बैठक ही में अपने तीखे तेवर दिखाए। पहले उन्होंने जोनल अधिकारियों के रिकार्ड को देखा और वार्डो की वसूली के आंकड़ों को देखने के बाद एक—एक जोनल अफसर से परिचय और वसूली के बारे में लेखा जोखा पूछा तो घोड़ा नक्कास, लखेरापुरा, से संबंधित जोनल अफसर ने अपनी उपलब्धियां गिनाई। उनके द्वारा आंकड़ों को पेश किए जाने के बाद महापौर ने कहा कि आपके क्षेत्र की वसूली तो बहुत खराब है। उन्होंने कुछ समस्याएं गिनाईं तो कमिश्नर मनीष सिंह ने बीच में कुछ कहा लेकिन महापौर ने स्पष्ट किया कि बकायादारों से वसूली में सख्ती से बचे नहीं। राजस्व वसूली में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक शुरू होने के पहले कमिश्नर मनीष सिंह ने भी जोनल अधिकारियों को राजस्व वसूली में वृद्धि के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा। नए खातों को खोलने और पुराने खातों में वसूली के लिए सख्ती करने के निर्देश दिए।
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कृष्णा गौर ने दो लाख 11 हजार रुपए खर्च कर जीता चुनाव
भोपाल. राजधानी की प्रथम महिला कृष्णा गौर चुनाव में दो लाख 10 हजार ९50 रुपए खर्च कर महापौर बनने में सफल हुई हैं। कांग्रेस प्रत्याशी आभा सिंह ने दो लाख 78 हजार 841 रुपए में चुनाव लड़ा। गुरुवार तक दस महापौर प्रत्याशियों ने निर्धारित प्रोफार्म में जिला निर्वाचन कार्यालय में चुनावी खर्च का ब्यौरा दिया है। सुहास प्रधान ने एक लाख 93 हजार 597, मनोज जैन ने 18 हजार 973, संगीता श्रीवास्तव ने 14 हजार 696, आरती बाजपेयी यादव ने 13 हजार 927, असमा अजहर ने 13 हजार 475, आराधना गर्ग ने 60 हजार 364, रजनी विनोद वाघेला ने चार हजार 700, सरोज शर्मा ने पांच हजार 269 रुपए खर्च का ब्यौरा दिया है।
निर्दलीय प्रत्याशी सईदा अंसारी, सुमन तिवारी एवं रुखसाना बी राईन ने खर्च की कोई जानकारी नहीं दी है। समाजवादी पार्टी की नजमा कासिम व निर्दलीय पूजा दीक्षित ने अधूरी जानकारी दी है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी किशोर कान्याल के अनुसार प्रत्याशियों को चार लाख तक चुनाव में खर्च करने की अनुमति थी। 15 जनवरी को खर्च प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख है। जिला निर्वाचन कार्यालय में एक माह में जमा की गई जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी। निर्वाचन आयोग इसके बारे में आगे निर्णय लेगा।
क्या है प्रक्रिया : चुनाव लड़ रहे महापौर प्रत्याशियों को मतगणना के एक महीने के अंदर चुनाव खर्च लिखित प्रोफार्म में जिला निर्वाचन कार्यालय में जमा कराना होता है। जिला निर्वाचन कार्यालय यह जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेजता है। जो प्रत्याशी निर्धारित तिथि तक यह जानकारी नहीं देते, उनसे निर्वाचन आयोग जवाब-तलब करता है। संतुष्ट न होने पर इनके खिलाफ कार्रवाई भी करता है।
राज्य निर्वाचन आयोग ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी ठहरा सकता है।
इन्होंने नहीं दी जानकारी :
इन्होंने जमा किया खर्च का ब्यौरा
महापौर प्रत्याशी दल चुनाव खर्च
आभा सिंह कांग्रेस 2,78,841
कृष्णा गौर भाजपा 2,10,950
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